V.S Awasthi

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गाँव का भोला




हमरे गाँव का भोला किसान
गऊ माता का गाँव घुमावै
शहरन का अफसर महान
कुत्तत्न का  सुबह घुमावै
गांवन की मेहरारू सारी
बच्चन का गोद मा लेवैं
शहरन की बेगम शाहिबा
कुत्तत्न का गोद मा लेवैं
हमरी अम्मा ,दादी, नानी
माठा और दूध पिलावैं
शहरन मा बच्चन का 
पिज़्ज़ा, चाऊमीन खिलावै
शहरन ते नीक हैं हमार
हवा तो शुद्ध मिलति है
झगड़ा फसाद कोऊ करे नहीं
प्रेम से सबै रहति हैं


विद्या शंकर अवस्थी पथिक कल्यानपुर कानपुर

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4 Comments

Wahhh अद्भुत अद्भुत

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Bahut khoob 🙏🌺

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Gunjan Kamal

14-Sep-2022 03:00 PM

बहुत ही सुन्दर

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